Sunday, March 8, 2009

हाँ, हाँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ....!!

चलो,
मैं कहे देता हूँ
लेकिन
क्या दुनिया बदल जायेगी
मेरे सिर्फ़ यह
कह देने भर से कि
मैं तुमसे प्यार करता हूँ।
चलो तुम अगर मानना भी चाहो
तो
मान लो
पर मेरा कहना
फ़िर भी यह ही है कि
यह दुनिया
वैसी ही रहेगी। रवि और रविंदर
को धर्म और जात में बाँट कर
पहचानती जहनियत
मेरे हाथ में बंधे
'रक्षासूत्रम' और
तुम्हारे हाथ में
पहने 'कड़े' से बनी
जात पात कि यह दीवार
बेशक नहीं गिरेगी
मेरे यह कह देने के
बाद भी कि
हाँ, मैं तुमसे प्यार करता हूँ।
मंदिरों और गुरुद्वारों
के खुदा बने इंसान
और महजबी जूनून बनकर
उनकी रगों में दौड़ता
पारे सा झक्क सफ़ेद लहू
कतई भी
सुर्ख नहीं होगा
शरमाकर तुम्हारे गालों सा
यह सुनकर भी कि
हाँ, हाँ, मैं सचमुच तुमसे प्यार करता हूँ....!!!

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