झाँक लेना
उस लाल दीवार के ओझल से
सुस्तायी शाम
के घर लौटने से पहले एक बार.
ढूँढ लेना मुझे
लोगों की भीड़ के बीच.
मैं हाथ हिला दूँगा
अगर चली हवा
ठीक तभी.
लहरा दूँगा कुछ झालरें
पीले फूलों वाली.
और अगर
मैं न देख पाया तुम्हें
तो चढ़ जाना लाल दीवार की मुँडेर पर
और बुलाना ज़ोर से आवाज़ देकर मुझे
‘इधर मुँडेर पर हूँ
इधर देखो
अमलतास....!!!’
उस लाल दीवार के ओझल से
सुस्तायी शाम
के घर लौटने से पहले एक बार.
ढूँढ लेना मुझे
लोगों की भीड़ के बीच.
मैं हाथ हिला दूँगा
अगर चली हवा
ठीक तभी.
लहरा दूँगा कुछ झालरें
पीले फूलों वाली.
और अगर
मैं न देख पाया तुम्हें
तो चढ़ जाना लाल दीवार की मुँडेर पर
और बुलाना ज़ोर से आवाज़ देकर मुझे
‘इधर मुँडेर पर हूँ
इधर देखो
अमलतास....!!!’
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