Friday, November 2, 2018

ठहरना किसी सुनसान दोपहरी में

ठहरना 
किसी सुनसान दोपहरी में
पल भर को 
उस अमलतास तले.
करना कोशिश ढूँढने की 
झुरमटे में
गाने वाले झींगूरों को.
और सहेज लेना यादें
ऐसी ही किसी
ऊनींदे से बियाबाँ में
गाए गए
युगल गीतों की !

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